कोरोना की दूसरी लहर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर काल बनकर टूट रही है। ----भावसार टुडे
लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर काल बनकर टूट रही है। हर कोई बचने की कोशिश में है लेकिन सब इस डर से जी रहे हैं कि पता नहीं कब किसकी मौत आ जाए। देश के लिए चिंता की बात यह है कि यूनिवर्सिटी में कोरोना फैलने के बाद बीते 20 दिनों में 19 प्रोफसरों की मौत कोरोना व अन्य बीमारियों से हुई है।
इतना ही नहीं प्रोफेसर के अलावा एएमयू कर्मचारी व रिटायर्ड कर्मचारी जो नॉन टीचिंग स्टाफ में थे उनको भी मिला लिया जाए तो कुल 45 स्टाफ के लोगों की जान जा चुकी है।
एएमयू के वीसी (AMU VC) तारिक मंसूर ने आईसीएमआर (ICMR) को खत लिखकर आशंका जताई है कि अलीगढ़ के सिविल लाइंस क्षेत्र में कोविड-19 का कोई जानलेवा वैरिएंट फैला है, जिससे यह भयावह हालात पैदा हुए। वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल सीएसआईआर भेज दिए गए हैं.
आलम यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का कब्रिस्तान कोरोना की चपेट में आए एएमयू के स्टॉफ से भरा पड़ा है। कोरोना की चपेट में आए एएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर शोएब जहीर ने भी दम तोड़ दिया है। कब्रिस्तान उन लोगों की कब्रों से भरा पड़ा है, जिन्होंने पिछले करीब 20 दिनों में अपनी जान गंवाई है।
इधर एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने प्रोफेसर एवं गैर शिक्षकों की जेएन मेडिकल कालेज में हुई मौत को लेकर CBI या सेवानिवृत्त जजों से जांच कराने की मांग की है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एकाएक हो रही इन मौतों पर चिंता जताई है। और कोरोना के नए वेरिएंट की तुरंत जांच करने की मांग की है। ताकि पता चल सके कि आखिर ऐसा कौन सा खतरनाक वेरिएंट है जो इतनी जाने ले रहा है।