*केवल ध्वज लहराना आजादी का पर्व नहीं है, देश समाज हित मे अपनत्व, समन्वय कार्यो मे सामजस्य होना भी जरूरी है* *राजेंद्र भावसार* *चौखाविष्णु* *(सचिव)* *श्री भावसार क्षत्रिय समाज,* *इंदौर (म.प्र.)* *प्रदेश प्राँतीय महासभा* *कार्यकारिणी सदस्य* ================= Regards Bhawsar Today News Paper

*केवल ध्वज लहराना आजादी का पर्व नहीं है, देश समाज हित मे अपनत्व, समन्वय कार्यो मे सामजस्य होना भी जरूरी है* ================= *15 अगस्त 1947 केवल तारीख नहीं है, बल्कि यह भारतीयों के लिये वो महान दिन है, कई वर्षो के इंतजार के बाद खुले आंसमा के नीचे जीने हँसने,रहने,जो चाहे करने के लिए आजादी मिली थी, युं कहे उस दिन गुलामी की आग से तपकर नई भारतीयता का जन्म हुआ, जो हर भारतवासी के दिलो मे विघमान है, पुरा देश गर्व से इस पावन दिन को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप मे मनाता है* *देश 74 वीं आजादी बडे उत्साह और जोश से मना रहा है ।* *स्वतंत्रता दिवस लोगो मे एकता,भाईचारा, एवं अपनत्व के लिये महत्त्वपूर्ण दिन माना जाता है,* *देश को आजादी दिलाने मे उन सभी अमर शहीदों के बलिदानों मे शायद यही तमन्ना होगी, की हमारा देश विकास तरक्की, उन्नति की एक नई ताकत के रूप मे उभरे ।* *वर्तमान मे क्या हम उन महान शहीदों के सपनों को पूरा कर रहे है, ये एक गंभीर सोच है* *जब से हमने होश संभाला है, या समझदार हुये है ।* *365 दिन मे केवल* *दो-तीन घंटों के लिये देश के बारे मे सोचते है, (15 अगस्त और 26 जनवरी ) को तिंरगा* *(झंडा) लहराना और राष्ट्र गाने गा देना, और मिठाई से मीठा मुँह करना, क्या वाकई हमारे अंदर की एक दुसरे के प्रति कड़वाहट को दुर कर रही है, इस बीच-मे भी मोबाइल की सेवाएं चालू रहती है । यह राष्ट्र भक्ति नहीं मोबाइल भक्ति हो जाती है ।* *मात्र एक दो देशभक्ति गाने से देशप्रेम नहीं झलकता है, समाज के प्रति अच्छे कार्य से झलकता है, क्या कभी हमने उन महान अमर शहदों को दिलो से याद किया है, यह अपनी अंतरआत्मा से पुछे क्या वाकई आजकल हकीकत कोसों दुर होती जा रही है ।* *देश को आजादी दिलाने वाले महान अमर सपूतों का यह भी सपना होगा, की देश मे सभी एकता और एक दुसरे के प्रति सदभावना से सदभाव से सच्ची भावना से देश का समाज का नाम रोशन करे, लेकिन आज के माहौल मे यह सभी कोसों दूर है, समाज के प्रति एक दुसरे के प्रति प्रेमभावना केवल नाममात्र काम तक रह गई है ।* *हाँ हूजूरी हावी हो गई है ।* *क्योंकि राजनीति अपने लंबे हाथ लिये खडी है ।* *और अपनी मनमानी के लिये अड़ी है ।* *हमे आजादी का अर्थ समझना पडेगा ।* *अंग्रेजों से लड़ कर आजादी मिली थी, क्या वाकई आज हम हर क्षेत्र मे आजाद है ।* *यह गहन सोच का विषय है, 15 अगस्त हर वर्ष मनाते है, जिस तिंरगे को लेकर हम फूले नहीं समाते है,* *दुसरे ही दिन तिंरगे को हम भूल जाते है ।* *और तिंरगा मात्र रह जाता है,* *आजादी के मायने तभी सही होगे, तब हम कामयाब होगे, जब अपनो के बीच हम एक दुसरे के प्रति सम्मान, आदर, संस्कार का मूल भाव भावनात्मक रूप से निभायेंगे ।* *आइये हम* *आज यह प्रण करे, देश भक्ति दिलो मे होना चाहिए, दिखावे मे नहीं,* *देश भक्ति का मतलब सिर्फ ध्वज को लहराना नही है ।* *बल्कि अपने देश-समाज को मजबूत और सशक्त बनाने मे सहयोग सहायता करना भी है ।* *देश को 74 वर्ष हो गये,* *आजाद हुये, लेकिन* *हम कब स्वार्थो, बुराइयों, धंमड, दिखावे, मतलबी,चापलूसी, जीहूजूरी, करने आदि से कब आजाद होगे ।* *महान अमर शहीदों का बलिदान देश समाज को एकजुटता की मजबूत* *ताकत के साथ जोड़ने का मकसद था, लेकीन आज अपने-अपने मतलब के लिये मजबूत एकता को छिन्न भिन्न करने की आजादी को बढ़ावा दे रहे है ।* *देश समाज मे एकता रहेगी अपनापन रहेगा, पारदर्शिता रहेगी तो हम मजबूत होगे,* *देश-समाज मजबूत होगा* । *सभी को इस पावन दिन की बधाईयाँ ।* *देशभक्ति से ही देश की शान है* *देश भक्तों से ही देश महान है* *भारत माता की जय* 🇮🇳 ================= *राजेंद्र भावसार* *चौखाविष्णु* *(सचिव)* *श्री भावसार क्षत्रिय समाज,* *इंदौर (म.प्र.)* *प्रदेश प्राँतीय महासभा* *कार्यकारिणी सदस्य* =================


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