अंबरीष भावसार मध्य प्रदेश -----शहादत समाज सत्ता ----- भावसार टुडे न्यूज़ पेपर
#प्रसंगवश
यहाँ दो चित्र दिखाई दे रहे हैं । पहले में 26/11 हमले की हकीकत गृह मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी बता रहे हैं। वहीं दूसरे चित्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इसी हमले से जुड़ी एक फर्जी किताब के लोकार्पण के कार्यक्रम में संबोधित करते दिखाई दे रहे हैं। यह दोनों चित्र बयाँ करते हैं कांग्रेस की हकीकत को। जो वह जिहादी जमात के साथ खड़ी हमेशा नजर आती रही है। ना जाने क्यों , यह सारी हकीकत जानने के बाद भी जनता लगातार कांग्रेस के साथ खड़ी हो जाती है ? यह एक अनसुलझी सी पहेली है।
देश पर मर मिटने वालों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। आज वीर शहीद तुकाराम जी ओंबले को विशेष रूप से याद किया जाना जरूरी है। जिन्होंने अनादिकाल से विश्व बंधुत्व का संदेश देते आ रही सनातन संस्कृति को षड्यंत्रपूर्वक लगाए जाने वाले दाग से ना केवल बचा लिया बल्कि इस षड्यंत्र में परदे के पीछे शामिल रहने वालो की भी पोल खोल कर रख दी। यह उनका अदम्य साहस ही था , जो उन्होंने सीने पर लगातार गोलियां खाने के बाद भी जिहाद के नाम पर आतंक मचाने वाले जाहिल अफजल कसाब को अंतिम श्वास तक अपनी पकड़ में जकड़े रखा। अगर वह पकड़ जरा भी ढीली पड़ती तो या तो वो आतंकी खुद मर जाता या फिर और किसी रूप में ढ़ेर कर दिया जाता। ऐसी स्थिति में पूरे विश्व में अपनी विशिष्ठ पहचान रखने वाली सनातन संस्कृति पर पहली बार एक धब्बा लगाने में वो सफल हो जाते। जो इस आतंकी हमले के बाद सार्वजनिक मंचों से हिंदू आतंकवाद की थ्योरी गढ़ते पूरी दुनिया को नजर आए।
आज भी ऐसे षड्यंत्रकारियों के मंसूबो से पूरी दुनिया वाकिफ है। यह लोग ऐसी देश विभाजक सोच को लगातार पनाह देते दिखाई देते हैं। वह सोच जिसे पूरी दुनिया के लगभग सभी देश नकारते जा रहे हैं। ना केवल नकार रहे बल्कि ऐसी सोच वालों पर तमाम तरह के प्रतिबंध भी लगाते जा रहे हैं। कोई भी देश अपने यहाँ अशांति और धर्म के नाम पर कत्लेआम नहीं होने देना चाहता लेकिन धर्म युद्ध के नाम पर पूरी दुनिया को ही लाल करने की सनक लिए लोग लगभग हर देश मे घुसपैठ करते दिखाई दे रहे हैं। जिन्हें ऐसे राजनेताओं का सहयोग और शरण मिलती हैं। जिनकी विचारधारा और सोच अपने जेब गरम करने तक कि होती हैं।
अभी कुछ माह पूर्व ही मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए इस चुनाव प्रचार के दौरान बन्द कमरे में दिया गया एक विवादास्पद बयान वाला वायरल वह वीडियो सहज ही ध्यान आ जाता है। जिसमें देशविरोधी तत्वों के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवाने की सोच रखने वाले दल के नेता एक राष्ट्रवादी संगठन को देख लेने की बात कहता नजर आया और वर्ग विशेष के 90% वोटों को अपनी ओर खींचने का आह्वान करता दिखाई दिया था।
26/11 के हमले में अदम्य साहस दिखाने वाले वीर शहीद अशोक जी काम्टे , मेजर संदीप उन्नीकृष्णन जी और विजय जी सालस्कर सहित शहीद प्रत्येक जांबाज जवानों को देश कभी नहीं भूल सकता। साथ ही नहीं भूल सकता उन राजनेताओं को जो वर्ग विशेष के तलुए चाटने के लिए सदैव तैयार रहते हुए " हिन्दू आतंकवाद " जैसी थ्योरी गढ़ने के लिए हरदम एक पैर पर खड़े दिखाई देते हैं।
यह पूरी दुनिया जानती है कि अखंड भारत को खंड - खंड करवाने के पीछे कांग्रेस की ही भूमिका रही। आजादी के बाद भी भारत के अभिन्न अंग जम्मू कश्मीर के प्रति उसकी विभाजनकारी सोच का दंश दशको तक देश भोगता रहा। वहाँ पर कांग्रेसी सोच और नीतियों के दुष्परिणाम स्वरूप अनगिनत हिंदुओं को अपनी जमीन से ना केवल अलग किया गया बल्कि लाखों हिंदुओं की हत्या की गई। यहीं नहीं आजादी के बाद से अब तक जितने भी साम्प्रदायिक दंगे हुए उनमें अनगिनत मौतें हुई। वजह...... देश विभाजक तत्वों के प्रति रहमदिली की नीति और नियत।
आज भी छोटा सा नगर हो या बड़े से बड़ा महानगर कांग्रेस के दिए हुए घाव से लगभग पूरा देश कहीं न कहीं करहाता नजर आ ही जाता है। यह वर्ग विशेष को प्रौत्साहित करने के लिए किस हद तक जा सकती हैं। इसका ताजा उदाहरण झाबुआ नगर में भी दिखाई दिया है। जहाँ दल बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुँचे प्रशासन पर कांग्रेसी नेताओं ने वर्ग विशेष को प्रौत्साहित करने के लिए जबरजस्त दबाव बनाया और पंगु प्रशासन सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं के आगे नतमस्तक होता नजर आया।
यह बहुत ही बड़ी अनसुलझी पहेली है कि तमाम तथ्यों को जानने के बावजूद भी तात्कालीन क्षणिक लाभ के लिए अशिक्षित तो अशिक्षित , पढ़े लिखे और समाज का नेतृत्व करने वाले सहित तमाम सामाजिक संस्थाओं के कर्ताधर्ता भी मानसिक दिवालियेपन का परिचय देकर बाद में पछताते नजर आते हैं।
#अंबरीषभावसार
#शहादत #सत्ता और #समाज
Bhawsar today news paper